मै खूबसूरत फूल हू
562-मै खूबसूरत फूल हूby Kavi Kishor Kumar Khorendra on Sunday, November 11, 2012 at 5:48pm ·मै खूबसूरत फूल हू kishorkumarkhorendra द्वारा 13 दिसंबर, 2009 11:23:00 AM IST पर पोस्टेड # मै खूबसूरत फूल...
View Articleकविता के जीवन में
563-कविता के जीवन मेंby Kavi Kishor Kumar Khorendra on Sunday, November 11, 2012 at 5:50pm ·कविता के जीवन में kishorkumarkhorendra द्वारा 8 दिसंबर, 2009 11:45:00 PM IST पर पोस्टेड # कविता के जीवन मेंमै...
View Articleमुझसे अच्छी है ..मेरी सुंदर कविता
564-मुझसे अच्छी है ..मेरी सुंदर कविताby Kavi Kishor Kumar Khorendra on Sunday, November 11, 2012 at 5:52pm ·मुझसे अच्छी है ..मेरी सुंदर कविता kishorkumarkhorendra द्वारा 7 दिसंबर, 2009 11:31:00 AM IST...
View Articleनिर्निमेष निहारते है
565-निर्निमेष निहारते हैby Kavi Kishor Kumar Khorendra on Sunday, November 11, 2012 at 5:56pm ·निर्निमेष निहारते है kishorkumarkhorendra द्वारा 18 नवंबर, 2009 7:27:00 PM IST पर पोस्टेड # पेड़ की ओट...
View Articleन मैं रहता जड़ ..न तुम रहती चेतन ...
566-न मैं रहता जड़ ..न तुम रहती चेतन ...by Kavi Kishor Kumar Khorendra on Sunday, November 11, 2012 at 5:59pm ·न मैं रहता जड़ ..न तुम रहती चेतन ... kishorkumarkhorendra द्वारा 2 दिसंबर, 2009 2:22:00 PM...
View Articleतुमसे गुजारिश हैं
तुमसे गुजारिश हैंअब कतरे में सागर नहींसहरा हैंजब से कोई फ़िराकमेरे मन में आकरठहरा हैंन हुश्न का चाँद हैंन इश्क की चांदनी हैंजमीं से आसमां तकऐ आलम ..अमावश कितना गहरा हैंबेगानों की तरह तुममुझसे ..इतनी दूर...
View Article601-"तुम्हारे प्रेम के जरिये"
"तुम्हारे प्रेम के जरिये"मैं बूंद हूँ तो तुम हो मेरे लिए सागरतुम सोंधी सोंधी माटी होतो उससे बना हुआ हूँ मैं एक गागरमैं जागता हूँ तबमेरे ख्यालों में अप्सरा सी ..तुम्ही खड़ी हो जाती हो आकरमैं जब सोता...
View Article602-उसकी आँखों का तारा हूँ मैं
उसकी आँखों का तारा हूँ मैंइस आशा सेरोज लौटता हूँ स्कूल से घरमेरी माँ कर देगीमेरे सारे कठिन प्रशनों को हलमेरी माँ का ह्रदयफिर भी बहुत हैं सरलमेरा रखती हैं ख्याल वह हर पलखेल खेल में चोट मुझे लगती हैंतो...
View Article"603-साक्षी हैं इतिहास"
"साक्षी हैं इतिहास"साक्षी हैं इतिहासपाकर मां का आशीर्वादअवतरित हुएधरती पर भगवान्उस नारी का कर अपमानकिस तरह सेसुसंस्कृत हो पायेगा इंसानअब तक चुप रहकरदेते आयेसुधरने काअसंयम को अवसरजागरूक हो चुकी है...
View Articleअच्छा व्यक्ति
अच्छा व्यक्तिअच्छा व्यक्ति होने के लिए यही हैं एक शर्त महसूस करे दूसरों का भी दर्द किशोर
View Article605-अपनी अंतरात्मा में रहों...
अपनी अंतरात्मा में रहों...टिप्पणी जोड़ें RSS feed for responses to this blog entry kishorkumarkhorendra द्वारा 8 फ़रवरी, 2011 3:07:00 PM IST पर पोस्टेड #सड़कों से कहता रहाअगर संकीर्ण पुल याकरीब खाई होतो...
View Article606-मै हूँ एक पथिक ......
मै हूँ एक पथिक ......टिप्पणी जोड़ें RSS feed for responses to this blog entry kishorkumarkhorendra द्वारा 9 मई, 2011 12:57:00 AM IST पर पोस्टेड #मै हूँ एक पथिकनिकल आया हूँ बहुत दूरकभी किसी गाँव ने...
View Article607-ओस के दाने ........
ओस के दाने ........खेतों मेंउगे हैं मोती की तरहओस के दानेगौरया के पंख फंस न जाएँइसलिए बबूल के नुकीले कांटेलगे हैं उन चिड़ियों कों बचानेदो मैनाटहल रही हैं चुपचापप्यार करने का यह नायाब तरीकाजल्दी आना हमें...
View Articleस्मरण तुम्हारा मुझे लगता है मधुर
स्मरण तुम्हारा मुझे लगता है मधुर मेरे मनरूपी वृत्त का केंद्र बिंदु हो तुम तुम महा सागर हो तो मैं हूँ सूक्षम बूंद लहरों पर हो आरूढ़ मेरी यात्रा रहे सदा तुम्हारी ओर उन्मुख कभी न जाऊ गन्तव्य मार्ग से चूक...
View Article610-बसंत ऋतु का ...जब हुआ आगमन
सभी को ....भाने लगा यह मौसम बहने लगा शीतल पवन मनमोहक हुआ सम्पूर्ण वातावरण बसंत ऋतु का ...जब हुआ आगमन खिलते ही पुष्पों के धरती गयी निखर सरसों सा पिला रंग चहुँ और गया बिखर सीने में अपने प्यार लिए बहने...
View Article611-आया ऋतुराज ...बसंत
kishorलिये नूतन उमंग.......टिप्पणी जोड़ें kishorkumarkhorendra द्वारा 8 फ़रवरी, 2011 3:03:00 PM IST पर पोस्टेड#लिये नूतन उमंगआया ऋतुराज ...बसंतस्वक्छ हैं नीला आकाशजिस पर हैं श्वेत कोमलमेघों का राजहवा...
View Article611-इंतज़ार में मौन
इंतज़ार में मौनइंतज़ार में मौनतडफता हैंकभी नसों में चीटीयाँरेंगती सी लगती हैंघास के तिनके भीकाटों की तरह चूभ जाते हैंवृक्ष की सूखी हुई छालों की तरहदर्द का अहसासहथेलियों पर आप से आप गिर आता हैंझुकी हुई...
View Article612-यह जीस्त हैं या ..
यह जीस्त हैं या ..हैं तश्नगीकहते हैं हर बूंद में सागर हैंलेकिन खुद कीकैसे करूँ मैं बंदगीडोर किसी और के हाथ मे हैंपतंग सा उड़ रहा हूँ ..क्या यही हैं ..जिन्दगीमुझे देखकर किसी की निगाहों मेआ गयी हैं ख़ुशी...
View Article614-tum mujhe n jaana khabhi bhuul
tum mujhe n jaana khabhi bhuul mere shbd tumhare shbdon se milna chahenge chahe paristhitiya anukul ho ya prtikul kishor
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