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Channel: तात्पर्य
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830-'पूजा"

'पूजा"तुम मुझसे कहाँ जुदा हो तुम तो मेरे अब खुदा होदरिया सा तेरी ओर बह रहा हूँ तुम्हारी यादें मेरी राहनुमा होतुम हंसते हो तो कमल खिलते हैं वस्ल का वो एक मकाम खुशनुमा होएक तारा मुझे ताकता रहा भोर तकरूहे...

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831-"वफ़ा "

"वफ़ा "इस किनारे मैं उस किनारे तुम रहे तेरे मन में मैं मेरे हृदय में तुम रहे सावन में जब उफ़न कर उमड़ आई नदी बिछुड़ें हुऐ लहरों सा हम दोनों मिलते रहे बहारों का जब जब मौसम आया एक ही टहनी पर फूलों सा...

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832-"अनुराग "

"अनुराग "दिन में रहते हो तुम साथ मेरे आफताब सेरात मे रहते हो तुम साथ मेरे महताब सेतुम्हें भेजे गये खतों को बार बार पढ़ रहा हूँतन्हा रह गया हूँ अब तक न मिले जवाब सेतुम प्यार का आठवाँ गाड़ा रंग होजिसे...

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833-"प्रेरणा "

"प्रेरणा "मैं चेतन हूँ तुम हो मेरी चेतना जीने की तुम हो मेरी प्रेरणाअंजुरी में गंगा जल सी भरी हो बंद आँखें चाहती हैं तुम्हें ही देखनालहरें आ आ कर फिर लौट जाती हैं रेत पर लिख जाती हैं विरह की वेदनाजेठ...

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834-चिंगारी "

चिंगारी "बंद आँखों से तुम दिखाई देती हो चुप रहती हो पर सुनाई देती होराहबर से लगते हैं दूर तक फैले जुगनुओ के कतार अपनी आँखों से मेरी आँखों में चिंगारी बो जाती होरोज रोज देखे गये ख्वाब ही तो एक दिन सच...

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835-"इज़हार"

"इज़हार"सचमुच में हूँ तुझपे मैं निसार निभा नहीं रहा हूँ कोई किरदारख्वाबों में तुम हो ख्यालों में तुम ही हो तुमसे प्यार करने का हैं मुझे अधिकारयूँ तो ये जिंदगी तन्हा भी बीत जाती साथ होकर किया हैं तूने...

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836-"विस्तार "

"विस्तार "तुम्हारे दवारा दिल सेतारीफ किए गयेआईने के काँच मेंमैं और खूबसूरतलगाने लगी हूँमेरी आँखे तुम्हेंकमल की पंखुरियोंकी तरह लगती हैंमेरे होंठऔर गुलाबी हो गये हैंमैं पानी सापसरती जा रही हूँतुम...

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837-"वाकिफ़ "

"वाकिफ़ "दीवारों से ,काँच की खिड़कियों से डर हैदरवाजे से तेज हवा न आ जाए डर हैतुमसे कहना बहुत कुछ चाहता है मनतुम पर कोई तोहमत न लगा दे डर हैगुमनामी में खोई रहती है हम दोनों की मोहब्बतमासूम हसरतो के...

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838-"शायरी "

"शायरी "मेरी शायरी मे तेरा ही ज़िक्र हैतेरी ही याद है तेरी ही फ़िक्र हैकह तो दिया मैने मुझे तुमसे मोहब्बत हैइश्क़ का मतलब कई जन्मो तक ग़मे हिज्र हैतहरीर ऐ अहसास बिना शब्दों के होते हैकोरे पन्नों से बनी...

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839-"करार "

"करार "तुम मुझसे कभी न होना बेजार फिराक के नज़र न आये आसारमेरी निगहीँ के भीतर तुम रहते ही हो मन की आँखों से भी कर लेता हूँ तेरा दीदारजब तक हम दोनों के दरमियान है प्यार घूमती रहेगी धरती रहेगा यह...

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840-'न्योंछावर"

'न्योंछावर"ख्वाब सा तेरा आना फिर चले ज़ानामैं तो बन गया हूँ एक अफ़सानावो कौन है लोग पूछने लगे हैंजिसका हो गया हूँ मैं दीवानावो कोई और नहीं ,है मेरी एक कल्पनातलाश लिया है मैने ,जीने का बहानामुझमे रोज...

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841-"गुस्ताख़ी "

"गुस्ताख़ी "आज पन्ना है सहमा हुआ डरा स्याही का क़तरा हुआगम ए इश्क़ आ सीने से लग जा ज़रा दिल को आघात बहुत गहरा हुआप्यार का महासागर सूख गया है दूर दूर तक मंज़र अब सहरा हुआउन्हें इस बात की खबर ही नहीं...

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842-"मोहब्बत "

"मोहब्बत "ये प्यार है या कोई इबादततुम्हें न भूलने की मुझे है आदतरास्तों के काँटों को चुनता हूँहसरत है तुम सदा रहो सलामततुम्हारी सोहबत मिली नहीं कभीख्वाब मे ही आओ यही है मेरी चाहतगर्दिश के आकाश का एक...

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843-प्रणय कथा.....

प्रणय कथा.....तेरी हँसी की गूँज मेरे मन मे है बसी जैसे झरने की सदा वन में है बसीतेरे मुस्कुराते ही खिल उठते हैं सारे उपवन तेरे हुश्न की हर अदा मेरे नयन में है बसीमेरी यादों में तुम खुश्बू सा छाए रहते...

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844-"कुछ भी नही "

"कुछ भी नही "जब मैने तुम्हेंगौर से देखातो तुम्हारी आँखों की खामोशी ने मुझसे यह बात कहीतुम मेरी कविता होऔर मैं हूँ तेरा कविमैं इतराता बादल हूँतोतुम भी तो होएक शोख नदीसागर सातुम्हारे हृदय में भर चुका...

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845-"हीरे का नग"

"हीरे का नग"तुम मुझसे हो अलग रहे हो बेवफा से क्यों लग रहे होकहे थे कई जन्मों तक साथ रहोगे फिर मुझसे दूर क्यों भग रहे होमेरा गुनाह क्या है बता दो ज़रा मुझे याद कर क्यों जग रहे होतेरे दर पर दीये सा जलता...

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846-लौ

लौजीने के लिए तुम्हें याद करता हूँ गम ए जाना से फर्याद करता हूँतन्हा ही जलता हैं अंधेरें में चराग़ तन्हाई में लौ सा तुमसे संवाद करता हूँसफ़ीना कोई एक डूबने को है भव सागर से प्रतिवाद करता हूँउलझ गयी हैं...

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847-"प्रतीक "

"प्रतीक "तेरी आँखों में कशिश है मेरा मन भी रसिक हैतेरे ओंठ पंखुरियों से गुलाबी है मुझमे भी प्यास अधिक हैतेरे मन दर्पण में मेरी ही छवि उभर आई है मेरी चेतना मे गूँजता तेरा नाम अत्यधिक हैरूबरू मिल नही...

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848-शायद "

शायद "ऐसा रोज क्यों लगता है कीमैं तुमसे आज पहली बार मिला हूँ तुम आज सुबह सुबह ही फूल बन कर खिली हो मैं आज ही भँवरा बना हूँ और शाम होने के पहले पूरे दिन में हम दोनो को एक दूसरे को पा लेना हैतुम मुझे हर...

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"849-आकाश "

"आकाश "सीने में दर्द का अहसास होने लगा है दिल को इश्क़ का आभास होने लगा हैतेरी प्रत्येक करवट मुझे तलाशने लगी है अपने वज़ूद पर मुझे विश्वास होने लगा हैसूरज डूब गया चाँद निकल आया इंतज़ार थक कर उदास होने...

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